आजकल नए नए तरीके से फ्रॉड होता है। पर पुराने तरीके हर वक्त घूम फिरकर आ ही जाते हैं। सबसे पुराना फ्रॉड करने का तरीका है किसी का पैसा ले लिया और वापस नहीं किया। इसको चोरी, डकैती, सब कुछ बोल सकते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है गाज़ियाबाद मे जहां पर एक निधि कंपनी लोगों के करोड़ रुपये लेके भाग गई। अगर आपने भी यह खबर पढ़ी है और सोच रहे हैं की ये निधि कंपनी होती क्या है, तो यहाँ उसकी जानकारी है।
निधि कंपनी वैसी कंपनी होती है जो आम लोगों को बैंक या NBFC जैसी ही लगेगी, पर वैसी होती नहीं है। इसको RBI से भी कोई लाइसेन्स नहीं लेना पड़ता। निधि कंपनी सिर्फ एक साधारण से नियम Section 406 जो कंपनी ऐक्ट 2013 मे आता है, इसके आधार पर बनती है। मजे की बात है की यह कंपनी सिर्फ 7 लोग मिलकर बना सकते हैं और उनको एक साल मे 200 लोग जुटाने होते हैं। ये एक तरह का आपसी मेलजोल वाला ग्रुप होता है जिसमे सभी मिलकर पैसा देते हैं और जरूरत के हिसाब से उसमे से कोई लोन ले सकता है। जिसने लिया वह ब्याज देता है और जिसने दिया उसे ब्याज मिलता है। सिर्फ भरोसे का खेल है।
अब ऐसी ही एक कंपनी गाज़ियाबाद मे लोगों के दस करोड़ के आसपास लेके भाग गई। इतने पैसे इसलिए उन्हे मिल गए क्युकी उस कंपनी ने व्यापारियों को वादा किया था की वह अच्छे रिटर्न देगी। किसी ने एक लाख तो किसीने पाँच लाख रुपये तक जमा कर दिए थे। या पैसे रोज के 100 से 1500 के बीच मे जमा किया जा रहे थे। अभी अपना पैसा वापस लेने जब लोग आयें तो पता चला किसी का चेक बाउन्स है तो किसीको कुछ मिला ही नहीं।
साउथ इंडिया मे निधि कंपनी सबसे ज्यादा चलती हैं। इतनी ज्यादा की लगभग 80% निधि कॉमपनी साउथ इंडिया मे ही, खासकर तमिल नाडु मे है।
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