11 मार्च 2024 को केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू किए जाने के बाद से कई सवाल उठ रहे हैं। खासतौर पर, इस बिल से मुसलमानों को बाहर रखने को लेकर काफी चर्चा हो रही है।
हालांकि, कई लोगों ने इस बिल के बारे मे ठीक से पढ़ा ही नहीं है। यह बिल तीन देशों – अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश – के अल्पसंख्यक समुदायों की बात करता है जो धार्मिक शोषण से भागकर भारत आए हैं।
धर्म से परे सोचिए
धर्म को ध्यान में रखे बिना भी यह समझा जा सकता है कि यह बिल उन लोगों के लिए है जो धार्मिक दमन के कारण भारत आए हैं। चूंकि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुसलमान बहुसंख्यक हैं, इसलिए वे अल्पसंख्यक और धार्मिक रूप से दबाए गए समूहों में नहीं आते।
किसको होगा फायदा?
CAA के लागू होने से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के वे लोग लाभान्वित होंगे जो उपरोक्त तीन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए हैं। यह बिल उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का एक मार्ग प्रदान करता है, जिससे वे यहां सुरक्षित और सम्मानित जीवन जी सकेंगे।